ताक पर है नमक मिर्च लोग बिगड़े या बनें ताक पर है नमक मिर्च लोग बिगड़े या बनें
वो दरिया सूख गया, देकर बादलों को अपना पानी ऐ आँखें तू जरा खुल कर बरस वो दरिया सूख गया, देकर बादलों को अपना पानी ऐ आँखें तू जरा खुल कर बरस
हँसते मिलते संग जाति कुल प्रेम न देखत। हँसते मिलते संग जाति कुल प्रेम न देखत।
फक्र तब कर। .. भरत सी विद्या तूने पायी हो। रघु जैसे कर्म हो तेरे, दिलीप जैसी कीर्ति छायी हो। दंभ... फक्र तब कर। .. भरत सी विद्या तूने पायी हो। रघु जैसे कर्म हो तेरे, दिलीप जैसी ...
कह न सका रवि कुछ मां, बस यह छोटी सी पाती है। कह न सका रवि कुछ मां, बस यह छोटी सी पाती है।
कभी ना तुम इनको छूना कभी ना बलत्कार करना जाने किस मिट्टी की। कभी ना तुम इनको छूना कभी ना बलत्कार करना जाने किस मिट्टी की।